स्मृति ईरानी (फाइल फोटो) - फोटो : PTI
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कहावत है-'जैसा देश वैसा भेष'। भारतीय जनता पार्टी के नेता इस कहावत को खूब समझते भी हैं और इसका अनुसरण भी करते हैं। तभी तो देखा गया है कि भाजपा के नेता जिस राज्य में जाते हैं, उसी की संस्कृति में रचे-बसे नजर आते हैं। फिर चाहे पहनावा हो या फिर बोली। पूर्व केंद्रीय मंत्री स्वर्गीय सुषमा स्वराज से लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत तमाम नेता जिस राज्य में जाते हैं, वहीं की भाषा में लोगों से बात कर उनके दिल में जगह बनाने में कामयाबी हासिल कर लेते हैं।
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इसी मंत्र को आज पश्चिम बंगाल के हावड़ा में रैली को संबोधित करते हुए केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने अपनाया। स्मृति ईरानी लोगों को संबोधित करते हुए अचानक बांग्ला में बोलने लगीं और ममता दीदी पर जमकर हमला बोला। स्मृति ईरानी को धाराप्रवाह बंगाली में बोलते सुनकर लोग हैरान रह गए।
स्मृति बोलीं, दीदी की टीएमसी जाने वाली है
बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर निशाना साधते हुए ईरानी ने कहा कि दीदी को 'जय श्रीराम' से बैर है। उन्होंने कहा कि आपने राम को त्याग दिया है, लेकिन इस बार राज्य में रामराज स्थापित होगा। उन्होंने कहा कि दीदी टीएमसी जाने वाली है और भाजपा आने वाली है।ईरानी ने टीएमसी पर निशाना साधते हुए कहा कि जो दल अपने निजी राजनीतिक स्वार्थ के लिए केंद्र सरकार से बैर रखता है, जो अपनों को अपनों से लड़वाता है, जो जय श्रीराम के नारे को भी अपमानित करता है, उस दल में कोई भी राष्ट्रभक्त ठहर नहीं सकता। बता दें कि पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव से पहले आज केंद्रीय मंत्री स्मृति इरानी ने हावड़ा में चुनाव प्रचार किया।
कन्नड़ में भाषण देकर जीता था दिल
दिल्ली की पहली महिला मुख्यमंत्री तथा पूर्व विदेश मंत्री और भाजपा की दिग्गज नेता स्वर्गीय सुषमा स्वराज प्रखर वक्ता थीं। स्वराज के कई ऐसे बेहतरीन भाषण हैं, जिनसे उन्होंने लाखों करोड़ों लोगों का दिल जीता था। लेकिन सबसे करिश्माई अंदाज उनका तब देखने को मिला, जब उन्होंने कन्नड़ में भाषण देकर जनता के साथ-साथ अटल बिहारी वाजपेयी से लेकर सोनिया गांधी तक को चकित कर दिया था।
कांग्रेस की कमान संभालने के बाद सोनिया गांधी ने कर्नाटक के बेल्लारी से लोकसभा चुनाव लड़ा। बेल्लारी सीट को कांग्रेस का गढ़ माना जाता था। सोनिया गांधी की चुनावी मुहिम के लिए उसको सबसे सुरक्षित सीट माना गया। वर्ष 1999 के लोकसभा चुनाव में भाजपा ने सोनिया गांधी को टक्कर देने के लिए सुषमा स्वराज को बेल्लारी से मैदान में उतार दिया था। उस दौरान स्वराज ने स्थानीय मतदाताओं से सहज संवाद के लिए एक महीने के अंदर कन्नड़ भाषा सीखी। इसके बाद वह चुनावी रैलियों में कन्नड़ में धाराप्रवाह भाषण देने लगीं। उन्हें हिंदी भाषी नेताओं की तरह कन्नड ट्रांसलेटर की जरूरत नहीं पड़ती थी।
खास बात यह रही कि जब उनके भाषण को पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने सुना, तो वो हैरान रह गए। कन्नड़ में भाषण देने के चलते सुषमा ने अपने चुनाव प्रचार के दौरान न केवल बेल्लारी बल्कि कर्नाटक की जनता का भी दिल जीत लिया था। हालांकि, उन्हें 56 हजार वोटों से हार का सामना करना पड़ा, लेकिन वह कद में बड़ी हो गई।
भाषा और वेशभूषा को लेकर बेहद सजग रहते हैं मोदी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भाषा और वेशभूषा को लेकर बेहद सजग रहते हैं। वे जब भी किसी राज्य के दौरे पर जाते हैं, तो वहां की भाषा में बात करने के साथ ही उस प्रांत के अनुसार पहनावे को भी खासा तवज्जो देते हैं। जिस राज्य में जाते हैं अक्सर वहीं की वेशभूषा में ही दिखते हैं। कहीं धार्मिक जगह जाना हो या फिर राजनीतिक जगह उनके परिधान उसी कार्यक्रम के मुताबिक होते हैं।
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